Santosh Kumar Agrahari
Santosh Kumar Agrahari

उत्तर प्रदेश, भारत – शिक्षा, संघर्ष और उपलब्धियों की प्रेरणादायक गाथा लिखने वाले श्री संतोष कुमार अग्रहरी ने अपने आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय से यह सिद्ध कर दिये कि शारीरिक चुनौतियाँ सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकतीं। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के ग्राम पोखरभिटवा, पोस्ट सैनुआ, लोटन में जन्मे श्री अग्रहरी ने अपनी दिव्यांगता को अपनी शक्ति बनाया और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।

शिक्षा और संघर्ष: सीमाओं को लांघने की कहानी

श्री संतोष कुमार अग्रहरी का प्रारंभिक जीवन संघर्षों से भरा रहा। उनके गाँव में शिक्षा की सुविधाएँ न होने के बावजूद उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय बरवा में और कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई जनता इंटर कालेज बनियाडीह, लोटन, सिद्धार्थनगर से पूरा किये। दिव्यांगता के बावजूद, प्रतिदिन लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना उनके अडिग संकल्प और शिक्षा के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है।

अपनी उच्च शिक्षा के लिए, उन्होंने राम अधारे चौरसिया महाविद्यालय, बकैनिहा उसका बाज़ार, सिद्धार्थनगर से स्नातक की उपाधि प्राप्त किये । आगे चलकर, उन्होंने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज से इतिहास में एम.. (87%) की उपाधि प्राप्त किये और एस.एस. इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (PGDM) भी पूरा किया।

श्री संतोष कुमार अग्रहरी ने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ से बी.एड. और एम.एड. (विशेष शिक्षा बौद्धिक अक्षमता) की उपाधि प्राप्त किये और दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान सुनिश्चित किये

Santosh Kumar Agrahari

विशेष शिक्षा और शोध कार्य में योगदान

श्री संतोष कुमार अग्रहरी ने , न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि शोध और लेखन में भी सक्रिय रूप से भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कई शोध पत्र, लेख, पुस्तकें, और पेटेंट प्रकाशित किए हैं और वर्तमान में दिव्यांग बच्चों की समावेशित शिक्षा और दिव्यांग बालक को विभिन्न क्षेत्रों में समावेशित करने में आने वाले बाधाओं और चुनौतियों पर शोध कार्य कर रहे हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता

उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाई, जिनमें शामिल हैं:

  • AWES (Army Welfare Education Society) द्वारा PGT (इतिहास) परीक्षा में सफलता
  • गुजरात राज्य पात्रता परीक्षा (जी.एस..टी.) –‘शिक्षा में सहायक प्रोफेसर पद के लिए परीक्षा उत्तीर्ण किये है।
  • यू.जी.सीनेट (शिक्षा) और यू.जी.सीनेट (इतिहास ) पी.एच.डी में प्रवेश के लिए परीक्षा उत्तीर्ण किये है।

समावेशी शिक्षा के लिए प्रतिबद्धता

श्री संतोष कुमार अग्रहरी विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं। उनका मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्ति नहीं, बल्कि हर छात्र को उसकी योग्यता और क्षमता के अनुसार सक्षम बनाना है।

प्रेरणादायक संदेश

आपकी सीमाएँ वही हैं, जो आप मानते हैं। अगर आप खुद पर विश्वास रखें, तो दुनिया की कोई भी बाधा आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।

श्री संतोष कुमार अग्रहरी की यह प्रेरणादायक यात्रा, उनकी सफलता और सामाजिक योगदान, सभी दिव्यांगजनों और संघर्षरत छात्रों के लिए एक प्रेरणा है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि संघर्ष, आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प से हर चुनौती पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

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